तमाशा और लोकतंत्र !
चौराहे पर टंगा
एक पोस्टर
चिल्लाता रहा
रोजगार की गारंटी
कमबख्त
वक्त की नजाकत
उसके नीचे
मजदूरों का हुजूम
भूखा खड़ा
था
कभी कभी
तो ऐसे
हालात आते हैं
जब कुछ लोग
सर्द रातों
में
खुले आसमान
के नीचे
सो जाते हैं
कुछ जी जाते हैं
कुछ अमर हो
जाते हैं……
लोकतंत्र फटकार
लगाता है
और
तमाशा करने
वाले मजा
लूट ले जाते हैं
लूट ले जाते हैं…….
— के. एम्. भाई
दूर.- 8756011826
बढ़िया !