गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

वक्त के आगे जो झुकते नहीं हैं!
गलत रास्ते जो चुनते नहीं हैं!

विरोध झेलना पड़े अपनो का भी
पर अच्छाई से पीछे हटते नहीं है!

खुद के हौंसलो से बढ़ाते हैं कदम
हालात को दोष वो मढ़ते नहीं हैं!

जीवन को अपने सार्थक बना कर
फिर कभी वो पीछे मुड़ते नहीं हैं!

समाज को बदलने की ताकत भी
अपने में शायद रखते वही हैं!!!
कामनी गुप्ता ***

कामनी गुप्ता
माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |

2 thoughts on “गीतिका

  1. कविता बहुत अच्छी लगी ,जैसी आप खुद हैं ऐसे ही विचार पेश कर दिए जो सराहनीय है .

    1. हौंसला बड़ाने के लिए आपका बहुत धन्यवाद सर जी

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