नयना सारी रैना जागें….
नयना सारी रैना जागे दिल में बेचैनियां हैं।
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है॥
पलकों के साये में तुम हो दिल की हर धडकन में तुम।
नींदों में तुम ख्वाबों में तुम मन उपवन में तुम ही तुम॥
तुमको देखूं तुमको सोचूं मन में तेरा ही नशा है……
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है….
बिन तुम्हारे महफिल में भी तनहा तनहा रहता हूं।
बस तेरी बातें सुनता हूं और तेरी ही कहता हूं॥
जानें कैसा है असर ये क्या हमारे दरमियां है….
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है……
शोख कलियों की अदा है रूप फूलों का निखार।
दिल को घायल कर रही है ये अदाएं बार बार॥
नयनो के मदमस्त प्यालों ने नशा कुछ यूं किया है…
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है……
तुम परी हो आसमां की या कि कोई अप्सरा।
देखते ही तुमको दिल में हो गया कुछ कुछ जरा॥
इन अदाओं के जलवों ने दिल को जैसे छू लिया है…..
हमपे तेरे इश्क नें न जानें क्या जादू किया है…….
सतीश बंसल
बहुत खूब .
शुक्रिया आद. गुरमेल जी..