गीत/नवगीत

मेरी अंतिम सांस से पहले…

मेरी अंतिम सांस से पहले आ जाना एक बार।
तू तो बसा परदेश ओ बेटा, मौत यहां तैयार॥

दिन दिन बाट जोह कर बीती, मेरी सारी उमरिया।
एक तेरी उम्मीद है जब से, गये छोड सांवरिया॥
लगता है तू आया बेटा, आहट जब जो द्वार…
तू तो बसा परदेश ओ बेटा, मौत यहां तैयार…..

वो काजल का लगा के टीका, चूमना तेरा माथ।
गले लगाकर तुझको, सर रखना आशीष का हाथ॥
भूल गया क्या वो मेरी ममता और मेरा सब प्यार……
तू तो बसा परदेश ओ बेटा, मौत यहां तैयार……

वितनी रोज मौत से करती हूं, तब तक मत आना।
लाल मेरा आते ही बेशक, तू मुझको ले जाना॥
हंस कर संग चलूगीं देख लूं चंदा को एक बार…..
तू तो बसा परदेश ओ बेटा, मौत यहां तैयार…….

मेरी सांस सांस देती है, जी भर कर आशीष।
प्राण निकलने से पहले, लल्ला रख गोदी शीष॥
काम बहुत होगा तुझ को, मेरी ममता पर लाचार…..
तू तो बसा परदेश ओ बेटा, मौत यहां तैयार….

सतीश बंसल

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.