टेबल का कीड़ा
मैं टेबल का कीड़ा
उठाता हूँ फाइलों का बीड़ा
मैं टेबल का कीड़ा
फाइलों की भीड़ में
पेपरों के नीड़ में
अपना घर बनाता हूँ
घर का अर्थ भुलाता हूँ
नहीं सुख न पीड़ा
मैं टेबल का कीड़ा
मैं ही कामधेनु गाय
इच्छा पूरी करती जाए
मैं मनु का रुप आज
कड़े नियम और काम-काज
दोनो हैं श्रद्धा और इड़ा
मैं टेबल का कीड़ा
यूहीं कभी किसी दिन
बिता जीवन फुरसत के बिन
हरी फाइल में जा खड़ा
दबा रक्तरंजित मृत पड़ा
जैसे पान का बीड़ा
मैं टेबल का कीड़ा