राजनीति

यक्ष प्रश्न

स्वप्न में महाभारत वर्णित जलाशय के पास से गुजरते हुए मेरे भीतर अचानक धर्मराज युद्धिष्ठिर की आत्मा बरबस घुस गई I

यक्ष महाराज ने धर्मराज युद्धिष्ठिर से पुछा – भारत के प्रधानमंत्री मोदीजी को अगला चुनाव जीतने के लिए क्या क्या करना चाहिए ?

युद्धिष्ठिर – मेरी दृष्टि में सबसे पहले तो सभी चीजों के मूल्यों पर सख्ती से नियन्त्रण करना चाहिए I

यक्ष महाराज  – इतने बड़े देश में वो भला कैसे सम्भव होगा ?

युद्धिष्ठिर – इसके लिए किसी भी वस्तु के लागत मूल्य और उस पर वाजिब लाभ को जोड़कर अधिकतम मूल्य प्रकाशित किया जाना अनिवार्य किया जाए I सेल टैक्स या अन्य टैक्सेज का निर्धारण एम.आर.पी. (अधिकतम बिक्री मूल्य) के आधार पर ही तय किए जाएं I सम्बन्धित सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए I

यक्ष महाराज  – भला ऐसा करने से क्या होगा ?

युद्धिष्ठिर – एक उदाहरण का उल्लेख प्रासंगिक होगा I आग्मेंटिन नामक एक प्रभावी और डॉक्टरों का लोकप्रिय प्रोपायटरी एंटीबायोटिक होता है, उसी काम्बिनेशन के जेनेरिक प्राडक्ट दूसरी कई बड़ी बड़ी नामी स्तरीय कम्पनियां भी बनाती हैं I उसकी एम.आर.पी. लगभग पौने तीन सौ रुपए होती है, जबकि थोक बाजार में यह दवाइयों के विक्रेताओं तथा डॉक्टरों को केवल 50-55 रुपए में उपलब्ध हो जाती है I ऐसा अनेक दवाओं और अन्य वस्तुओं के साथ भी होता है I सेल टैक्स या अन्य टैक्सेज का निर्धारण एम.आर.पी. के आधार पर होने से इस अनियंत्रित प्रवृत्ति पर नियन्त्रण होगा I इससे मुनाफाखोरी रुकेगी और वस्तुओं के अनापशनाप भावों पर तुरन्त नियन्त्रण हो सकेगा I

यक्ष महाराज  – वाह ! युद्धिष्ठिर तुम वाकई धर्मराज हो I अच्छा इसके अतिरिक्त क्या करना चाहिए ?

युद्धिष्ठिर – किसी भी वस्तु में तनिक सी भी मिलावट को संज्ञेय अपराध माना जाए I नकली दवा, नकली घी, नकली दूध, नकली तेल आदि को गैर इरादतन हत्या जैसा गम्भीर अपराध माना जाए और रासुका लगाई जाए I वर्तमान में मिलावट की छूट के चलते शुद्ध वस्तु दिवास्वप्न हो चुका है I

यक्ष महाराज  – सत्य वचन तात I

युद्धिष्ठिर – भ्रष्टाचार समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए I

यक्ष महाराज  – यह तो असम्भव है, युद्धिष्ठिर I

युद्धिष्ठिर – है तो सही, परन्तु, विशेष पराक्रम से नियन्त्रण में आ सकता है I जैसे सरकारी दफ्तरों में हरेक कार्य को सम्पन्न करने की समयसीमा तय कर दी जाए (जैसे पन्द्रह दिन से अधिकतम 45 दिन) और हरेक दफ्तर में एक विजिलेंस अधिकारी हो, जिसे आम जनता कार्य नहीं होने पर शिकायत कर सके I अधिकतम समयसीमा के बाद भी कार्य नहीं होने पर उस अधिकारी को जवाबदेह माना जाए तथा सीधे उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए I स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों, नगर निगम, कलेक्टोरेट और सभी जनहित से सीधे सीधे जुड़े संस्थानों में हरेक शिक्षक, चिकित्सक और अधिकारियों और कर्मचारियों की व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाए I अतिक्रमण, बिजली चोरी, जल अपव्यय, जल प्रदूषण, सड़क दुर्घटना आदि के लिए नगर निगम के क्षेत्रीय कर्मचारी या अधिकारी को सीधे सीधे दोषी माना जाए I

यक्ष महाराज – युद्धिष्ठिर, वास्तव में तुम पांडू कुल के रत्न हो I

अचानक सम्पूर्ण परिदृश्य अन्तरिक्ष में विलीन हो गया और मेरी नीन्द टूट चुकी थी I

डॉ.मनोहर भण्डारी