गीत : तेरे साथ मुस्कुराऊँ !
तेरे दिल को जो लुभा ले
कोई ऐसा गीत गाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ
खिल उठे कमल ये दिल का
जब मेरा नाम ले तू
अंगारों पे भी चल दूँ
जो हाथ थाम ले तू
दिन-रात मेरे हमदम
तेरे ख्वाब मैं सजाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ
किसी और की नहीं चाह
तेरा साथ सबसे प्यारा
तुझसे बिछड़ के जीना
इक पल नहीं गवारा
मेरी आँखों में बसे गर
कभी अश्क ना बहाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ
तुमको खबर नहीं मैं
तुम्हें कितना चाहता हूँ
वहां चोट तुमको जो लगे
मैं यहां कराहता हूँ
मुझसे अगर तू रूठे
जां दे के मैं मनाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ
सूरज की रोशनी भी
चंदा की चाँदनी भी
तू ही बहार-ए-गुलशन
गीतों की रागिनी भी
तू हमसफर बने जो
पलकों पे मैं बिठाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ
तेरा जादू ऐसा छाया
मेरे दिल, मेरी नज़र पे
तुझसे ही तुझको माँगूं
करूँ सजदा तेरे दर पे
करके तेरी इबादत
बुत को खुदा बनाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ
तेरे दिल को जो लुभा ले
कोई ऐसा गीत गाऊँ
है एक ही तमन्ना
तेरे साथ मुस्कुराऊँ
— भरत मल्होत्रा
बहुत खूब .