बहाना मिले तो
गीत कोई अच्छा सुनने को मिले, तो झूम लेती हूं
अच्छी-सी कोई धुन कानों में पड़ जाए, तो ठुमका लगा लेती हूं
साज़ कोई सुरीला मिले, तो बजा लेती हूं
हंसने का कोई बहाना मिले, तो हंस लेती हूं
खुश होने का कोई बहाना न मिले, तो यों ही खुश हो लेती हूं
छोटी-सा ही सही पर खुशियां मनाने का बहाना मिले तो
मना लो जश्न अभी आज ही, न जाने कल मनाने का अवसर मिले-न-मिले.
प्रिय गुरमैल भाई जी, बहुत बढ़िया, शुक्रिया.
मना लो जश्न अभी आज ही, न जाने कल मनाने का अवसर मिले-न-मिले, वाह किया बात है .