बसंती मन भाया
गीत
रंग बहुत-से देखे, बसंती मन भाया
रंगों का सरताज, बसंती मन भाया-
रंग बसंती भगतसिंह का, मन को बहुत ही भाया
बलि चढ़ा दी अपने तन की, ज्यों ही मौका आया बसंती मन भाया-
वीर हकीकत ने भी पहना, रंग बसंती बाना
मात्तृभूमि की बलिवेदी पर, हंसते-हंसते जाना बसंती मन भाया-
वीर शहीदों ने भी पहना, चटक बसंती चोला
जोश देखकर उन वीरों का, शत्रु का मन डोला बसंती मन भाया-
इसी रंग से रंगा हुआ है, ऋतुओं का यह मेला
चारों ओर हैं फूल बसंती, बड़ी सुहानी वेला बसंती मन भाया-
आओ हम भी रंग दें तन-मन, इसी रंग से अपना
देशप्रेम के रंग के आगे, भाए कोई रंग ना बसंती मन भाया-
बहुत अच्छा गीत, बहिन जी !
प्रिय विजय भाई जी, शुक्रिया.
कविता बहुत अच्छी लगी . धन्यवाद जी .
प्रिय गुरमैल भाई जी, आपका आशीर्वाद बना रहे.
वाहह लाजवाब अनुपम सृजन के लिए बधाई बहन जी सादर प्रणाम
प्रिय राजकिशोर भाई जी, प्रोत्साहन के शुक्रिया.
shobhanam
प्रिय अरुण भाई जी, शुक्रिया.