संबंध सुहाना है
भावगीत
है प्रेम से जग प्यारा, सुंदर है सुहाना है
जिस ओर नज़र जाए, बस प्रेम-तराना है-
बादल का सागर से, सागर का धरती से
धरती का अंबर से, संबंध सुहाना है-
तारों का चंदा से, चंदा का सूरज से
सूरज का किरणों से, संबंध सुहाना है-
सखियों का राधा से, राधा का मोहन से
मोहन का मुरली से, संबंध सुहाना है-
पेड़ों का पत्तों से, पत्तों का फूलों से
फूलों का खुशबू से, संबंध सुहाना है-
जन-जन में प्रेम झलके, हर मन में प्रेम छलके
मन का इस छलकन से, संबंध सुहाना है-
अच्छा भाव गीत !
प्रिय विजय भाई जी, पसंद करने के लिए शुक्रिया.
पेड़ों का पत्तों से, पत्तों का फूलों से
फूलों का खुशबू से, संबंध सुहाना है- बहुत मजेदार कविता .
प्रिय गुरमैल भाई जी, प्रोत्साहन के शुक्रिया.