गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका : कलम

खुद के लिखे पर मत इतना इतरा
दूसरों की वाहवाही से भी मत कतरा
सब अपने आप में हैं अनूठे ,निराले
कहाँ किसी को किसी से है खतरा
लगता है नज़र लग गई लेखनी को
सोचा कलम को लूँ अब तो मतरा
सुना है हिम्मत वालों की कभी हार नहीं होती
इसलिए मैदाने जंग में हूँ उतरा…..

दिनेश दवे

दिनेश दवे

नाम : दिनेश दवे पिता का नाम :श्री बालकृष्ण दवे शैक्षणिक योग्यता : बी . ई . मैकेनिकल ,एम .बी.ए. लेखन : विगत चार पांच वर्ष से , साँझा प्रकाशन पता : दिनेश दवे , केमिकल स्टाफ कॉलोनी ,बिरलाग्राम, नागदा जिला उज्जैन ..456331..मध्य प्रदेश

2 thoughts on “गीतिका : कलम

  • विजय कुमार सिंघल

    बढ़िया !

    • दिनेश दवे

      धन्यवाद बहुत बहुत

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