देशहित से बड़ा परिवारहित
पूर्व प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह, जिनको विदेशी मीडिया ने कभी गांधी परिवार का बगलबच्चा कहा था, ने मोदी सरकार की आलोचना करके करते अनजाने में ही एक बड़े सत्य का उद्घाटन कर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि मोदी सरकार जीएसटी बिल को राज्यसभा में पास कराना चाहती है तो उसे गाँधी परिवार पर हमले रोक देने चाहिए.
याद कीजिए कि आजकल देश का यह परम पवित्र परिवार, जिसके बारे में कुछ भी पूछना पाप है, नेशनल हेरल्ड पर कब्जा करने के मामले में नाक तक धंसा हुआ है। पेशी में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के अलावा उनको कहीं से कोई राहत नहीं मिली है और अदालत में उनको तमाम असुविधाजनक सवालों का उत्तर देना पड़ रहा है।
मन मोहन सिंह कह रहे हैं या यह मानिए कि उनके मुँह से परिवार ने कहलाया है कि सरकार इस मामले को रफ़ा दफ़ा करके बिल को पास करवा ले, नहीं तो बिल ऐसे ही लटका रहेगा। दूसरे शब्दों में यह सरासर ब्लैकमेल का मामला है। यह परिवार देश के विकास को रोककर अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालना चाहता है।
इस पृष्ठभूमि में, यदि यह परिवार राष्ट्रविरोधियों का सरे आम समर्थन करता है तो आश्चर्य क्या है? वास्तव में यह परिवार देश का कलंक और हमारे ऊपर बोझ है। अब इसको उचित दंड देने का समय आ गया है।
— विजय कुमार सिंघल
विजय भाई , एक ही खानदान देश पर राज करता रहे ,यह डैमोक्रेसी नहीं है बल्कि लोगों को मानसिक ब्लैकमेल करके राज करना ही है .
सही कहा भाई साहब आपने !
प्रिय विजय भाई जी, एकदम सही, सटीक व समसामयिक बेबाक आलेख के लिए आभार.
धन्यवाद, बहिन जी !