दिल में क्यूं है इतना मलाल मत पूछ…
दिल में क्यूं है इतना मलाल मत पूछ।
जिनके उत्तर नही वो सवाल मत पूछ॥
अब जहां हूं जैसा हूं बस ठीक हूं मैं।
हमदर्दी मत दिखा मेरा हाल मत पूछ॥
जानें क्या क्या लील गयी ये आग।
कितना जल गया हैं माल मत पूछ॥
पहले से ही बंटें हैं हम वो क्या कम हैं।
कितनी हुई है एकता हलाल मत पूछ॥
आबरु लुटी दुकान लुटी व्यापार लुटा।
क्या क्या लूट ले गया बवाल मत पूछ॥
मिटाने से तो बस मिटता है हमारा ही।
कौन है जो हो रहा निहाल मत पूछ॥
अब हमें दुश्मनों की ज़रुरत ही कहां है।
क्यूं बने ख़ुद ही ख़ुद का काल मत पूछ॥
सतीश बंसल
बढ़िया गज़ल
शुक्रिया अद. विभा जी..
बढ़िया गज़ल