बिहार की शिक्षा नीति
बिहार की शिक्षा नीति
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कहा जाता है कि चुनाव में डियुटी सिर्फ राज्य या केन्द्रीय कर्मचारियों को लगाया जाता है लेकिन बिहार सरकार बिहार नियोजित शिक्षकों को चुनाव में डियुटी पहले से ही लगाती आ रही है ।अब कई जिला शिक्षा पदाधिकारियों के माध्यम से यह ज्ञात हुआ है कि बिहार के नियोजित शिक्षक राज्य कर्मी के दर्जे से बाहर है। हँसीं आती है बिहार के शिक्षा नीति पर और बिहार सरकार पर कि जब बयानबाजी करना होता है तो सरकार अपने शिक्षकों के प्रति चौक चौराहे और मीडिया के सामने सबसे उपर का दर्जा देती हैं। और शर्म आती है जब नजर डालते हैं उनके वेतन पर मिलता है उन्हें पे बैन्ड -१ वो भी बिहार सरकार ने केंद्र सरकार के पे बैन्ड-१ से अलग हट कर बनाई है। समझ नहीं पाते हैं कि सरकार की क्या मंनसुबा है जो बिहार के नियोजित शिक्षकों के साथ इस तरीके का घटिया खेल, खेल रही है। और हमारे राज्य के माननीय नेता गण इस स्थिति में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की बात कहते है। शायद सम्भव नहीं है। अगर पढानेवाला सन्तुष्ट नहीं है, तो वो कभी भी पढनेवाले को सन्तुष्ट नहीं कर सकता जहां तक मेरा मानना है। इस प्रकार से बिहार का भविष्य खतरे में है और शिक्षकों का आये दिन हर प्रकार से शोषण हो रहा है।
(यह मात्र अपना विचार है किसी पर आरोप- प्रत्यारोप नहीं है।)
____________________रमेश कुमार सिंह