“दोहा मुक्तक”
किस्मत बहुत महान है, पुलक न आए हाथ
कर्म फलित होता सदा, अधिक निभाए साथ
न बैठो मन भाग्य पर, कर्म करो चितलाय
लिखा लिलार मिटे नहीं, दुर्गुन किसका नाथ॥
महातम मिश्र, गौतम
किस्मत बहुत महान है, पुलक न आए हाथ
कर्म फलित होता सदा, अधिक निभाए साथ
न बैठो मन भाग्य पर, कर्म करो चितलाय
लिखा लिलार मिटे नहीं, दुर्गुन किसका नाथ॥
महातम मिश्र, गौतम
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सादर धन्यवाद आदरणीया, आभार