गीतिका/ग़ज़ल

यहाँ अब सब कुछ निर्विरोध होना चाहिये

यहाँ अब सब कुछ निर्विरोध होना चाहिये |

रिश्तो में अपनेपन का बोध होना चाहिये||1

 

नजरो ही नज़रो में दिल देते है देने वाले |

इस पर तो अब जरुर शोध होना चाहिये||2

 

है अगर सामर्थ्य तो करे काम भलाई के |

नेकी में भला क्यूँ अवरोध होना चाहिये ||3

 

सत्य ईमानदारी भाईचारे की ही बात हो |

हर गलत बात का प्रतिरोध होना चाहिये||4

 

ज्ञान का दीप तो जलाओ साधक जहाँ में |

हर बात का अब प्रतिबोध होना चाहिये || 5

 

“दिनेश “ साधक

दिनेश दवे

नाम : दिनेश दवे पिता का नाम :श्री बालकृष्ण दवे शैक्षणिक योग्यता : बी . ई . मैकेनिकल ,एम .बी.ए. लेखन : विगत चार पांच वर्ष से , साँझा प्रकाशन पता : दिनेश दवे , केमिकल स्टाफ कॉलोनी ,बिरलाग्राम, नागदा जिला उज्जैन ..456331..मध्य प्रदेश