लघुकथा-वफादार
पत्रकार ने फोटो हाथ में लिया,’ तीन कुत्ते आसपास जमीन पर गिरा खाना खा रहे थे और यही मरियल, फटेहाल, बेसहारा, भिखारी भी है इस में बैठा अपनी प्लेट में खाना खा रहा था ,’ इसी फोटो को दिखा कर उस ने पूछा, “ इस्पेक्टर साहब ! ये यही भिखारी है न ?”
“ जी हाँ !” इंस्पेक्टर साहब ने फोटो को गौर से देखा, “ इन कुत्तों ने कभी इसकी प्लेट में खाना नहीं खाया. मगर साथ इसी के रहते थे. जैसे इसने पाल रखे थे.”
“ मगर , इसे मारा किसने है ?”
“ इन्हीं कुत्तो ने नौच-नौच कर मार डाला.”
“ क्यों साहब ?” पत्रकार चौका, “ इन्ही कुत्तो ने मार डाला ? ये तो इसी के आसपास रहते थे .”
“ हाँ जी. कुत्ते रात को सूंघ कर समझ गए थे कि उनको रोज खाना खिलाने वाले मालिक का इस साले जासूस ने खून कर दिया था .”
अच्छी लघुकथा !