क्षणिका : आँखमिचौनी
अजनबी व्यवहार के साथ
पहचाने चेहरे
आँख बचाकर जब
सामने से गुजरते देखे
अहसास हो गया
बुझती उम्र का
— हेमलता यादव
अजनबी व्यवहार के साथ
पहचाने चेहरे
आँख बचाकर जब
सामने से गुजरते देखे
अहसास हो गया
बुझती उम्र का
— हेमलता यादव