कविता

कविता : देश जल रहा है

उफ़ ये क्या !
पड़ोस से रोने का स्वर आया
मन करुण रस से भर गया
खोला दरवाज़ा
ये कैसा दृश्य नज़र आया।

सर पर चुन्नी डाल
मैं भागी उनके घर पे
देखा रो रही पड़ोसन
अर्थी पे झुक के।
मुझे देख लिपट गयी मुझसे
रख काँधे पे सर
रो रही सिसक के,
मैंने सर पर हाथ फेरा
दिया उसे सहारा,
देख उसके पति की लाश
न पूछ सकी उससे
न दे सकी दिलासा।

घुसी तभी घर के अंदर
चौदह बरस की कन्या सुन्दर
फटे हुए कपड़े, थे बिखरे बाल
अजीब सी थी कुछ उसकी चाल
कमरे में जा किया बंद दरवाज़ा
लगाया उसने फिर गले में फन्दा
दौड़े सब पर न बचा सके उसको
लुटी थी अस्मत् जिसकी,
झूल रहा था शव उसका।

मन में थी बस एक ही आस
बेटा हो सलामत
अटकी थी सांस
जा रहा था विद्यालय
लगी गोली उसे अचानक,
गिर पड़ा वो राह किनारे
भीगी सड़क लहू से उसके
पढ़ने का था उसको फितूर
मासूम सा बेटा गया बहुत दूर
तड़प तड़प कर दी उसने जान
क्या यही है भारत माता की शान?

न देखा गया उस स्त्री का दुःख
पथरा गयीं आँखें, हो गयी बुत
बिखर गया घर ख़त्म हुई ज़िन्दगी
अपने ही देश ने दी कैसी ये बन्दगी
पति बेटी बेटा
सब हो गए दूर
कोई बताये
क्या था उसका कुसूर ?

हर घर का हो रहा है यही हाल
आम आदमी के दुःख को
नेता देते हैं टाल,
लेकर बैठे सब
अपनी लड़ाई
न देख सकता कोई
किसी की भलाई,
धधक धधक कर
“जल रहा देश”
लोगों ने बदला
ये कैसा है वेश।
भारतवासी बने
भारत के दुश्मन
क्या आतंकी से कम हैं
ये देश के दुश्मन?

जागो, उठो,
न लुटाओ, बचाओ,
कर सकते हैं हम भी
ये सबको दिखाओ,
है बचाना देश को
आतंक से हमें,
ये समय नहीं
लड़ने का आपस में,
आएं हम सब मिल
बजाएँ बिगुल एकता का
कर दें ध्वस्त
इरादा शत्रुओं का,
ये भारत देश
हम सब इसके वासी
हमीं से है तीरथ
हमीं से है कासी।।

नीरजा मेहता

 

नीरजा मेहता

नाम-----नीरजा मेहता ( कमलिनी ) जन्मतिथि--- 24 दिसम्बर 1956 वर्तमान/स्थायी पता-- बी-201, सिक्का क्लासिक होम्स जी एच--249, कौशाम्बी गाज़ियाबाद (यू.पी.) पिन--201010 मोबाइल नंबर---9654258770 ई मेल---- [email protected] शिक्षा--- (i)एम.ए. हिंदी साहित्य (ii)एम.ए. संस्कृत साहित्य (iii) बी.एड (iv) एल एल.बी कार्यक्षेत्र-----रिटायर्ड शिक्षिका सम्प्रति-----लेखिका / कवयित्री प्रकाशन विवरण-- प्रकाशित एकल काव्य कृतियाँ-- (1) "मन दर्पण" (2) "नीरजा का आत्ममंथन" (3) "उमंग" (बाल काव्य संग्रह) प्रकाशित 23 साझा काव्य संग्रह---- क़दमों के निशान, सहोदरी सोपान 2, सहोदरी सोपान 3, भावों की हाला, कस्तूरी कंचन, दीपशिखा, शब्द कलश, भारत की प्रतिभाशाली हिंदी कवयित्रियाँ, भारत के प्रतिभाशाली हिंदी रचनाकार, काव्य अमृत, प्रेम काव्य सागर, शब्द गंगा, शब्द अनुराग, कचंगल में सीपियाँ, सत्यम प्रभात, शब्दों के रंग, पुष्पगंधा, शब्दों का प्याला, कुछ यूँ बोले अहसास, खनक आखर की, कश्ती में चाँद, काव्य गंगा, राष्ट्र भाषा हिन्दी सागर साहित्य पत्रिका। प्रकाशित 2 साझा कहानी संग्रह-- (1) अंतर्मन की खोज (2) सहोदरी कथा पत्र-पत्रिकायें--- देश विदेश के अनेकों पत्र- पत्रिकाओं व ई-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनायें। (शीघ्र प्रकाशित होने वाली संस्मरण पर आधारित एकल पुस्तक, 5 साझा काव्य संग्रह और 2 साझा कहानी संग्रह।) (3) सम्मान विवरण--- (1) साहित्य क्षेत्र में विभिन्न संस्थाओं /समूहों द्वारा कई बार सम्मानित---- काव्य मंजरी सम्मान, छंदमुक्त पाठशाला समूह द्वारा चार बार सम्मानित, छंदमुक्त अभिव्यक्ति मंच द्वारा पाँच बार सम्मानित, श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, साहित्यकार सम्मान ( दो बार प्राप्त हुआ ), भाषा सहोदरी हिंदी सम्मान (दो बार प्राप्त हुआ), साहित्य गौरव अलंकरण सम्मान, आगमन समूह द्वारा सम्मानित, माँ शारदे उत्कर्ष सम्मान , दीपशिखा सम्मान, शब्द कलश सम्मान, काव्य गौरव सम्मान (दो बार प्राप्त हुआ ), गायत्री साहित्य संस्थान द्वारा सम्मानित, नारी गौरव सम्मान, युग सुरभि सम्मान, शब्द शक्ति सम्मान, अमृत सम्मान, प्रतिभाशाली रचनाकार सम्मान, प्रेम सागर सम्मान, आगमन साहित्य सम्मान, श्रेष्ठ शब्द शिल्पी सम्मान, हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान, हिन्दी सागर सम्मान (संपादक सम्मान ), हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी द्वारा सम्मानित। (2) उपाधि---काव्य साहित्य सरताज उपाधि ( ग्वालियर साहित्य कला परिषद {मध्य प्रदेश}द्वारा प्राप्त ) (3) विद्यालय से भी दो बार शिक्षक दिवस पर "बेस्ट टीचर अवार्ड" प्राप्त हुआ है। (1997 और 2008 में