कविता

कविता : नहीं करती तुम्हें याद

जो तुम ये सोचते हो
कि मैं तुम्हें
याद नहीं करती
तो सही सोचते हो…
साँस लेना भी भला
कभी याद करना होता है??
जीने की ज़रूरत है
जैसे साँस लेना,
लहू का धमनियों में
सतत् बहना,
ह्रदय का अनवरत
स्पंदित रहना
वैसे ही जीने के लिए
ज़रूरी है
तेरे एहसासों के
साथ रहना…
हां
इसलिये मैं तुम्हें
याद नहीं कर पाती…

शिवानी शर्मा, जयपुर

शिवानी शर्मा

नाम-शिवानी शिक्षा--B.Com. MBA. & Montessori diploma. जन्मदिन- 6 मार्च स्थान- जयपुर (राजस्थान) रूचि--लिखना,पढना,संगीत सुनना ,बाते करना ,घूमना और बच्चों के साथ खेलना। परिचय -झीलों की नगरी उदयपुर में जन्म लिया और बचपन बिताया ! पहले पिताजी की और फिर पति महोदय की नौकरी ने कई शहरों में - उदयपुर, अलवर,जयपुर, बांसवाड़ा, इन्दौर और अभी अजमेर, प्रवास के सुअवसर प्रदान किये। 1990 से आकाशवाणी से जुड़ी रही हूं जहाँ मेरे लिखने और बोलते रहने का शौक पूरा होता रहा है। अब दूरदर्शन से भी जुड़ गयी हूं और काव्य गोष्ठियों का हिस्सा बन रही हूं। अच्छा साहित्य पढ़ने के शौक ने छात्र जीवन में ही हाथ मे कलम थमा दी थी और अभी भी सीख रही हूं मन की बात कहना! विभिन्‍न पत्र पत्रिकाओं में मेरी रचनाओं को स्थान मिल रहा है जिनमें "राजस्थान पत्रिका " दैनिक भास्कर व "अटूट बंधन " "मंडी टुडे" "सारा सच" "लोक जंग" आदि भी शामिल हैं । कुछ काव्य संग्रहों का संपादन, मंच संचालन भी कार्यानुभव में शामिल है। "अजमेर पोएट्स कलेक्टिव" संस्था की सह-संस्थापक भी हूं। "साहित्य गौरव" सम्मान से सम्मानित जो भी मिला है जीवन से,समाज से,उसमें अपने अनुभव और एहसास पिरो कर वापस कर देती है मेरी कलम , जिसे आप कविता/कहानी कहते हैं। ........ शिवानी जैन शर्मा