जीवन की साधना,
मधुमय जीवन प्यार भरा हो, अंतर्मन में पुष्प खिला हो,
धुन मस्ती में दिल रमा हुआ हो, सबका स्नेह मिला हो,
बाज़ी अपने हाथ हमेशा, सदा विजय पताका लहर रही हो,
लाल गुलाबी फूलों सा उपवन,हर आँगन में खिला हुआ हो
अम्बर से धरती तक फैला -जग मग जग मग रूप सजा हो,
जय जय कर हो सबकी जग में, माँ का आशीर्वाद सदा हो,
यहाँ वहां हम जहाँ भी देखे, जन मानस में प्यार भरा हो,
जल अग्नि,नभ,वायु, धरती,इसी से है जीवन की साधना,
यही है अपने मन की शक्ति, यही है जीवन की आराधना
प्रकृति का भी यही नियम है,जो भी हो सब मिल के बाँटना,
कामना करो और प्यार का अमृत, सारी दुनिया पर बरसा दो,
शत शत युग तक रहे यह रोशन, जग में ऐसा प्रकाश फैला दो,
भाई बहन सा प्यार हो सब मे,ऐसी सबको प्रभु राह दिखा दो,
टिका रहे मधु पल जीवन में ,ऐसा सब पर उपकार करा दो.
याद रहे अपनों की दिल मे, यह जीवन ऐसा साकार करा दो,
. —जय प्रकाश भाटिया