मनुष्य ही एक मनुष्य को ऐसा विचार दिया
आज मनुष्य का हो गया है कुछ ऐसा विचार।
आवश्यकता जब होती है करतें हैं वाह वाह।
जब मिल जाते लोग बड़े छोटे को जाते भूल।
बडों के साथ मिलकर फरमाते खुब आराम।
निव के ईटों पर ही बनाते हैं अपना मकान।
जिस पर खड़ा रहता, इनका पूरा अरमान।
जिसके चलते आगे बढे उसको जाते हैं भूल।
मनुष्य ही एक मनुष्य को दे जाते हैं उसूल।
उनका क्या कसूर जिन्होंने इनका साथ दिया।
बेरहमी से उनको अपने घर से निकाल दिया।
छोटे से ही बड़े हुए उनको ही गये भूल।
मनुष्य ही एक मनुष्य को ऐसा विचार दिया ।।
@रमेश कुमार सिंह /०३-०१-२०१६