कवितापद्य साहित्य

बदलता विचार

जब आवश्यक होती है
अपनों के पास,
लोग सटे रहते रहते हैं।
खुशामद करतें हैं,
हथेली पर लेकर चलते हैं
बहुत सुंदर हैं
बहुत अच्छे हैं
परोपकारी हैं
विचारवान हैं
इन शब्दों से
लोगों के बीच
करते हैं उनका श्रृंगार
ज्यों ही उनकी –
आवश्यकताएं पुरी हो जाती है
अब जरूरत नहीं पड़ेगी
ऐसा महसूस होता है
त्योंही अपना तेवर
बदलने लगते हैं
बहुत खराब है
बुद्धि नहीं है
लालची हैं
अपनत्व की भावना ज्यादा है
कुछ भी समझ में नहीं आता
चोरों की संज्ञा देते हैं
इन शब्दों से करते हैं
उनका श्रृंगार
फिर भी –
श्रृंगार करने वालों के बीच
यही भावना बनी रही
इन्हें ऐसा करके छोड़ा जाय कि
ये जिन्दगी भर पश्चाताप करें
शायद इसी भावना से
करतें हैं दो तरह का
शब्दो से श्रृंगार।
एक समय का वो श्रृंगार
एक समय का यह श्रृंगार
शायद यह समय का फेर है
या उस मनुष्य की सादगी कहें
जिसने मानव धर्म की
रीति -रिवाज अपनाई
अपने मन में यही भाव लिये
ये मेरे अपने हैं
ये मेरे भाई हैं
ये इधर उधर भटकेंगे
ये अच्छी बात नहीं होगी
दर-दर की ठोकरें खायेंगे
यही सोचकर
इन्होंने साथ दिया।
इसकी किमत मिलती है
समय समय पर शब्दों श्रृंगार मिला।
कुछ ऐसा –
ईश्वर ने भी इन पर ना ध्यान दिया
अपनों का भी ना साथ मिला
फिर भी खुशिया इनके अन्दर
भरा हुआ खुशियों का समुन्दर
दूसरों की खुशियों के खातिर
अपनी खुशियां त्याग दिए
फिर भी अपनों के बीच में
कभी नहीं महान हुए।
______रमेश कुमार सिंह /२१-०१-२०१६

रमेश कुमार सिंह 'रुद्र'

जीवन वृत्त-: रमेश कुमार सिंह "रुद्र"  ✏पिता- श्री ज्ञानी सिंह, माता - श्रीमती सुघरा देवी।     पत्नि- पूनम देवी, पुत्र-पलक यादव एवं ईशान सिंह ✏वंश- यदुवंशी ✏जन्मतिथि- फरवरी 1985 ✏मुख्य पेशा - माध्यमिक शिक्षक ( हाईस्कूल बिहार सरकार वर्तमान में कार्यरत सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरैया चेनारी सासाराम रोहतास-821108) ✏शिक्षा- एम. ए. अर्थशास्त्र एवं हिन्दी, बी. एड. ✏ साहित्य सेवा- साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करना।      सह सम्पादक "साहित्य धरोहर" अवध मगध साहित्य मंच (हिन्दी) राष्ट्रीय सचिव - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन मध्यप्रदेश,      प्रदेश प्रभारी(बिहार) - साहित्य सरोज पत्रिका एवं भारत भर के विभिन्न पत्रिकाओं, साहित्यक संस्थाओं में सदस्यता प्राप्त। प्रधानमंत्री - बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन इकाई सासाराम रोहतास ✏समाज सेवा - अध्यक्ष, शिक्षक न्याय मोर्चा संघ इकाई प्रखंड चेनारी जिला रोहतास सासाराम बिहार ✏गृहपता- ग्राम-कान्हपुर,पोस्ट- कर्मनाशा, थाना -दुर्गावती,जनपद-कैमूर पिन कोड-821105 ✏राज्य- बिहार ✏मोबाइल - 9572289410 /9955999098 ✏ मेल आई- [email protected]                  [email protected] ✏लेखन मुख्य विधा- छन्दमुक्त एवं छन्दमय काव्य,नई कविता, हाइकु, गद्य लेखन। ✏प्रकाशित रचनाएँ- देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में एवं  साझा संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित। लगभग 600 रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं तथा 50 साझा संग्रहों एवं तमाम साहित्यिक वेब पर रचनाये प्रकाशित। ✏साहित्य में पहला कदम- वैसे 2002 से ही, पूर्णरूप से दिसम्बर 2014 से। ✏ प्राप्त सम्मान विवरण -: भारत के विभिन्न साहित्यिक / सामाजिक संस्थाओं से  125 सम्मान/पुरस्कार प्राप्त। ✏ रूचि -- पढाने केसाथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।कविता,कहानी,हिन्दी गद्य लेखन इत्यादि। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आदरणीय मित्र मेरे अन्य वेबसाईट एवं लिंक--- www.rameshpoonam.wordpress.com http://yadgarpal.blogspot.in http://akankshaye.blogspot.in http://gadypadysangam.blogspot.in http://shabdanagari.in/Website/nawaunkur/Index https://jayvijay.co/author/rameshkumarsing ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आपका सुझाव ,सलाह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

One thought on “बदलता विचार

  • नीतू सिंह

    सही है। कहीं धूप कहीं छाया।

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