गीत/नवगीत

कविता : नैन कहते हैं तुम्हारे…

नैन कहते हैं तुम्हारे, कुछ -न-कुछ तो बात है,
गम दिया किसने बताओ, अश्रु की बरसात है।

चुभ गई क्या बात कोई, क्यों उदासी छा गई,
याद कोई क्या पुरानी,  कहर आकर ढा गई?
कट रही क्यों आंख में यूं,  ये अमां की रात है ?
गम दिया किसने बताओ, अश्रु की बरसात है।

बेवफा कोई मिला था, ख्वाब सारे ले गया,
छीनकर सुख-चैन मेरा, अश्रु  मुझको दे गया।
इसलिए आंखें भरी हैं, शिथिल मेरा गात है,
राज तुमसे क्यों छुपाऊं, बस यही तो बात है।

क्यों विरह की वेदना में, काटती दिन -रैन हो,
खिल उठो, दूजा मिलेगा, क्यों दुखाती नैन हो ?
भूल जाओ नाम उसका, कर गया जो घात है,
गम दिया  उसने  बताओ, अश्रु की बरसात है।

है बुरा कितना भले ही, पर न भूलूंगी उसे,
आज भी उसको समर्पित, दिल से चाहा था जिसे।
प्यार के पथ में रहूंगी, दिल भले बिलखात है,
डगमगाती मैं नहीं हूं ,  यह खुशी की बात है।

नीता सैनी , दिल्ली

नीता सैनी

जन्म -- 22 oct 1970 शिक्षा -- स्नातक लेखन -- कविता , लघुकथा प्रकाशन -- पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित संपर्क -- घर का पता 117 , मस्जिद मोठ , नई दिल्ली - 110049 पत्र व्यवहार के लिए ऑफिस का पता -- नीता सैनी - न्यू जगदम्बा टेंट हाउस L - 505 / 4 -- शनि बाजार संगम विहार , नई दिल्ली - 80