कविता

कविता : हम मुस्कुराने लगे हैं !

जिनको कभी थे… हम नज़रंदाज़ करते,
बन धड़कन वो दिल में, समाने लगे हैं !
आजकल बेवजह… हम मुस्कुराने लगे हैं !!
बदलने लगा है… कुछ अंदाज़ अपना,
चुप रहते थे पर, अब गुनगुनाने लगे हैं !
आजकल बेवजह… हम मुस्कुराने लगे हैं !!
जिन आँखों में कभी था… अश्कों का समन्दर
उन आँखों में सपने, सजाने लगे हैं !
आजकल बेवजह… हम मुस्कुराने लगे हैं !!
सजाए हैं जिनके… ख्यालों में मेले,
ख्वाबों में उनके हम भी, अब आने लगे हैं !
आजकल बेवजह… हम मुस्कुराने लगे हैं !!
अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed

5 thoughts on “कविता : हम मुस्कुराने लगे हैं !

  • लीला तिवानी

    अति सुंदर.

    • अंजु गुप्ता

      हार्दिक धन्यवाद

    • अंजु गुप्ता

      शुक्रिया

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुंदर, कविता !

    • अंजु गुप्ता

      हार्दिक धन्यवाद

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