आशीर्वाद
“संसार में रूप सबके सिर चढ़कर बोलता है” जानवी ने यह अब जाना था। साधारण नैन नक्श पर ह्रदय से
Read More“माँ ! सब चीजें ध्यान से देख लो। कोई कमी न रह जाए। ” पिता के श्राद्ध की तैयारी में
Read Moreलोगों की दोहरी मानसिकता पर बहुत गुस्सा आ रहा है। ऐसा लगता है जैसे दिमाग़ फट जायेगा। फेसबुक, ट्विटर हर
Read Moreसब कुछ है, पर न जाने क्यों हमारा ही घर खुशियां तलाशता रहता है, मन ही मन रमा सोच रही
Read Moreबला की खूबसूरत थी सुगंधा। मासूमियत ऐसी थी कि किसी को भी दीवाना बना दे। आजकल रेशमा आंटी के बेटे
Read Moreछपास की ललक तो मोहनलाल जी में शुरू से ही थी, पर अच्छे लेखन के बावजूद उनका लेखन फेसबुक
Read Moreदेख किताबें पूछा हमने जब साहित्य का रेट व्यस्तता दिखाते दुकानदार जी बोले – करो जरा तुम वेट… 150/- रुपए
Read Moreप्रचंड गर्मी हो या कड़क शरद, सिर पर सजा कर मेहनत की ओढ़नी, और चेहरे पे हँसी का गहना, ऊँचे
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