गीत/नवगीत

गीत : भारत माता से प्यार नहीं

“भारत माता की जय”नहीं बोलूगा-ओवैशी के इस बयान वाले सन्दर्भ मे मेरी रचना-

ऐ ओवैशी क्या तुझको भारत माता से प्यार नही
फिर माता की गोद मे रहने का तुझे अधिकार नहीं
जिस जमी पर करता तु सजदा वो भी माता का है
पर तेरे हर बड़े बोल पड़ोसी से रिश्ता नाता का है
तु कौन सा शैतान है बता क्या तेरा कोई धर्म नही
क्या तुझको भारत माता के दर्दो का भी मर्म नही
तेरे जैसे ही लोग तुले हैं माँ का चीरहरण करने को
सामने आ जाओ हम बैठे हैं तेरा भक्षण करने को
राग गाता पड़ोसी के फिर क्यो है तु हिन्दूस्तान मे
गीदड़ रहने की जगह हमने दे दी है पाकिस्तान मे
मां भारती अपने सपूतो को हर दिन यहाँ खोती है
बता इन बातों पर तेरी ऑखे क्यों नम नहीं होती है
तुम कुपुत्र हो मेरी धरती पर तुझपे है धिक्कार मुझे
देशद्रोहीयो का भक्षण करने का है अधिकार मुझे
क्यों तुझे रहती चिन्ता सदा अपनी हिफाजत की
क्या कभी सोचा है तुमने सैनिकों की शहादत की
रातो को तु सोता चैन से पर ये क्यों भुल जाता हैं
माता भारती जन गण मन भारत भाग्य विधाता है !!

— बेख़बर देहलवी

बेख़बर देहलवी

नाम-विनोद कुमार गुप्ता साहित्यिक नाम- बेख़बर देहलवी लेखन-गीत,गजल,कविता और सामाजिक लेख विधा-श्रंगार, वियोग, ओज उपलब्धि-गगन स्वर हिन्दी सम्मान 2014 हीयूमिनिटी अचीवर्स अवार्ड 2016 पूरे भारत मे लगभग 500 कविताओं और लेख का प्रकाशन