गीतिका/ग़ज़ल

जरुरी है….

जरुरी है जरुरी है, के दिल का आशियाँ भी हो
आशियां में कोई आये, और आना भी जरुरी है।

कोई आये नजर के सामने परियो की रानी सी
जिसे दिल देख मुस्काये, और मुस्काना भी जरुरी है।

आने की महक से ही महक जाता है मैख़ाना,
बहकती है मयकशी भी, और बहकना भी ज़रूरी है।

के जैसे रोज़ मिलने को, के जैसे रोज़ खिलने को,
तड़पती हैं अगर कलियाँ, तड़पना भी ज़रूरी है।

सभी कसमें निभाने में इश्क़ की राह पे चलते,
मौत चाहे अगर मिलना, तो मिलना भी ज़रूरी है।

ज़रूरी है जुदा होना तो मिलना भी ज़रूरी है ।
ज़रूरी है ज़रूरी है, कहा न सब ज़रूरी है।

विजय गौत्तम

विजय गौत्तम

नाम- विजय कुमार गौत्तम पिता का नाम - मोहन लाल गौत्तम पता - 268 केशव नगर कॉलोनी , बजरिया , सवाई माधोपुर , राजस्थान pin code - 322001 फोन - 9785523446 ईमेल - [email protected] व्यवसाय - मैंने अपनी Engineering की पढाई Arya college , Kukas , jaipur से Civil engineering में पूरी की है एवं पिछले 2 सालों से Jaipur Engineering College , Kukas , jaipur में व्याख्याता के पर कार्यरत हूँ । ग़ज़लें लिखना बहुत अच्छा लगता है ।

2 thoughts on “जरुरी है….

  • विजय गौत्तम

    plz comment how do u like my gazal..

  • विजय गौत्तम

    plz comment how do u like my gazal..

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