कविता

यादों के सहारे जी लेंगे हम……

तेरी यादों ने आज
आखिर रुला ही दिया हमें
इतने भी पत्थर दिल नहीं हैं
जितना के आपने समझा हमें

बस क्या क़सूर था
इतना बता देते हमें
दिल पर बोझ नहीं होता
यूँ इन्तज़ार नहीं रहता हमें

बस यही ग़लती थी
कि टूटकर चाहा हमने
चाहत में कभी कोई कमी ना थी
फिर भी हमसे दूरी की आपने

ख़ैर ये जिस्म भी एक दिन
दुनिया छोड़ चले जाएगा
आपको क्या दोष दें हम
बस यादों के सहारे जी लेंगे हम

—– राज मालपानी

 

राज मालपाणी ’राज’

नाम : राज मालपाणी जन्म : २५ / ०५ / १९७३ वृत्ति : व्यवसाय (टेक्स्टायल) मूल निवास : जोधपुर (राजस्थान) वर्तमान निवास : मालपाणी हाउस जैलाल स्ट्रीट,५-१-७३,शोरापुर-५८५२२४ यादगिरी ज़िल्हा ( कर्नाटक ) रूचि : पढ़ना, लिखना, गाने सुनना ईमेल : [email protected] मोबाइल : 8792 143 143