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गुरमैल भाई, आप तो गूगल भाई हो गए

गुरमैल भाई,
आप तो गूगल भाई हो गए. आज हमने गुरमैल भाई लिखकर गूगल पर सर्च किया, तो परिणाम इस प्रकार आया-
1.गुरमैल भाई, सम्मान की बधाई
2.गिनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड से ऊंची, आपकी ऊंचाई:गुरमैल भाई
3.’ई.बुक’ की बधाई, शुभकामनाएं गुरमैल भाई
4.‘जय विजय’ बधाई, शुभकामनाएं गुरमैल भाई
5.आत्मकथाएं, जय विजय
6.ई-बुक | जय विजय
7.लीला तिवानी | जय विजय
8.एक चिट्ठी इंसानियत के नाम
9.बुआ ने अपना फैसला थोपना छोड़ दिया
10.Comments – Facebook
हमने सिर्फ़ पहला पेज ही देखा, क्योंकि बात निकलती है, तो दूर तलक जाती है. पिछले दो साल में आप न जाने कितने हज़ार कामेंट्स तो हमारे ही ब्लॉग्स पर लिख चुके हैं, ब्लॉग के लेखों और जय विजय के लेखों व आत्मकथा का तो कहना ही क्या?
”अंत में निकला यह परिणाम,
गूगल भाई होना चाहिए आपका नाम.”

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “गुरमैल भाई, आप तो गूगल भाई हो गए

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत बढिया, बहिन जी ! भाईसाहब मे जो किया है वह अतुलनीय है। वे हम सबकेप्रेरणास्रोत हैं। उनका नाम संसारभर में फैलना ही चाहिए। गूगल अपनी ज़िम्मेदारी सही तरीक़े से निभा रहा है।

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. गुरमैल भाई शिद्दत से अतुलनीय कार्य कर रहे हैं और हम सबके प्रेरणास्रोत हैं. आपकी तरह गूगल भी अपनी ज़िम्मेदारी सही तरीक़े से निभा रहा है. आप और गूगल बधाई के पात्र हैं. गुरमैल भाई के लिए ढेरों शुभकामनाएं. अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.

  • हा हा , अब मैं गूगल भाई बन गिया ,बहुत अच्छा लगा पढ़ कर . बाई आप का ही परताप है या विजय भाई जिन की पत्रिका में मुझे लिखने का अवसर मिला .इस पत्रिका से जुड़ने से बहुत लेखकों के कलम दर्शन हो गए .

    • विजय कुमार सिंघल

      भाईसाहब, आपके संस्मरणों को स्थान देकर हम गौरव से भरे हैं।

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