“दोहा मुक्तक”
शीर्षक– तीर, कूल, कगार, तट, किनारा
कान्हा जल यमुन तीर, तट सखिया अधीर
नाव लगे काहि किनार, घुमत बनिके फकीर
हाहाकार हर कगार, निश दिन छाए रार
बड़े बड़े मच्छा मगर, हर डगर नर नजीर॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
शीर्षक– तीर, कूल, कगार, तट, किनारा
कान्हा जल यमुन तीर, तट सखिया अधीर
नाव लगे काहि किनार, घुमत बनिके फकीर
हाहाकार हर कगार, निश दिन छाए रार
बड़े बड़े मच्छा मगर, हर डगर नर नजीर॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी