विधाता छन्द : बहारो गीत गाओ तुम
विधाता छन्द= १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ १२२२
निशा दिखती शमा जैसी – बहारो गीत गाओ तुम
सुधा पीकर जिए लैला कहे मन मीत आओ तुम
तड़पती हूँ समुंदर मे सखे ज्वाला बना पानी
अधर पे चाँद तारों ने कहा मन मीत आओ तुम
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’
प्रिय राजकिशोर भाई जी, बहारों के गीत सुनाने के लिए आभार.
आदरणीया बहन जी प्रणाम हौसला अफजाई के लिए तहेदिल से आभार आपकी प्रतिक्रिया पाकर मेरी रचना सार्थक हुई आपका स्नेह सदा मुझ पर बना रहे इसी कामना के साथ पुन’; नमन करता हूँ———–