पानी जीवनदाता है
पानी जीवनदाता है
खेती खूब कराता है
पानी पी हम प्यास बुझाते
पानी से बर्तन मंजवाते
कपड़े धोते पानी से
खूब नहाते पानी से
पानी से घर को धुलवाते
आग बुझाते पानी से.
पानी जीवनदाता है
खेती खूब कराता है
पानी पी हम प्यास बुझाते
पानी से बर्तन मंजवाते
कपड़े धोते पानी से
खूब नहाते पानी से
पानी से घर को धुलवाते
आग बुझाते पानी से.
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बहुत सूंदर भावनाएं जल के प्रति। हार्दिक बधाई बहिन जी।
प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर व सार्थक टिप्पणी के लिए आभार.
पानी के बगैर तो हम जी नहीं सकते ,कहाँ कहाँ पानी की जरुरत पड़ती है, हम गिन ही नहीं सकते . इस लिए पानी को अमृत समझ कर इस को जाया नहीं करना चाहिए .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक कविता के लिए आभार.