दिल है दीवाना तेरे प्यार में
दिल है दीवाना तेरे प्यार में
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दिल है दीवाना तेरे प्यार में
इंकार न कर तू अब प्यार में
दिल…
तेरे लिये मैंने जग छोड़ा
तूने क्यों मुझसे मुंह मोड़ा
रुठ न मुझसे तू अब प्यार में
दिल …
मैंने तुमको अपना जाना
अपना रब तुमको है माना
दिल न दुखा तू अब प्यार में
दिल….
चाहे दुनिया हमसे रुठे
चाहे सबसे नाता टूटे
न तू जला और अब प्यार में
दिल….
©अरुण निषाद