वर्ण पिरामिड : दुःख पीड़ा
1
म्हा
दृशा
अंकुशा
स्व तराशा
चित्त तलाशा
तन्हा पीड़ा नाशा
मैं मिटा हम हुआ
2
ही
स्पर्शा
वागीशा
प्राप्तयाशा
समाधि दशा
वाणी रग – रेशा
सुख दुःख के मंशा
— विभा रानी श्रीवास्तव
1
म्हा
दृशा
अंकुशा
स्व तराशा
चित्त तलाशा
तन्हा पीड़ा नाशा
मैं मिटा हम हुआ
2
ही
स्पर्शा
वागीशा
प्राप्तयाशा
समाधि दशा
वाणी रग – रेशा
सुख दुःख के मंशा
— विभा रानी श्रीवास्तव
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प्रिय सखी विभा जी, मैं मिटा हम हुआ. अति सुंदर व सार्थक पिरामिड के लिए आभार.