दुनिया करेंगे रौशन
सब लोगों के दिल में बस जायेंगे हम ऐसा होगा हमारा जीवन,
ऐसा दिन आयेगा जब बनके सूरज हम दुनिया करेंगे रौशन।
ये पंछी-परींदे तो पंखों से ही भरते हैं ऊंची उड़ान,
पंखों बिना हम जमीं पर से ही छू लेंगें ऊँचा आसमान,
सितारों की दुनिया में हम नौजवां बनायेंगे अपना चमन
ऐसा दिन आयेगा जब बनके सूरज हम दुनिया करेंगे रौशन।
विश्वास हमारा कभी न टूटे न उम्मीदों का दीपक बुझे,
कुछ भी नहीं है नामुमकिन यहाँ सपने तुम देखो उंचे,
तूफानों से ही जब हम दोस्ती कर लेंगे फिर रोकेगा कैसे पवन,
ऐसा दिन आयेगा जब बनके सूरज हम दुनिया करेंगे रौशन।
न पीछे है मुड़ना बस बढ़ते है जाना अपने हाथों किस्मत लिखेंगे,
अभी हैं नवोदय हम बनके सुमन अपनी बगिया में खुशबू भरेंग,े
कोई धर्म न जाति हम सब भारत वासी मनायेंगे मिलके जशन,
ऐसा दिन आयेगा जब बनके सूरज हम दुनिया करेंगे रौशन।
-दीपिका कुमारी दीप्ति
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आप का सपना सच्चा हो ! सकार्त्मिक विचार