सूक्तियों में समय
”समय को व्यर्थ नष्ट मत करो क्योंकि यही वह चीज है जिससे जीवन का निर्माण हुआ है.”
”समय और समुद्र की लहरें किसी का इंतजार नहीं करतीं.”
”किसी भी काम के लिये आपको कभी भी समय नहीं मिलेगा, यदि आप समय पाना चाहते हैं तो आपको इसे बनाना पड़ेगा.”
”वक्त क्या है !!! घड़ी, पल, दिनों का लेखा -जोखा है वक्त ! कभी सोने-सा सुनहरा , तो कभी कोयले-सा काला है वक्त, कभी अच्छा तो कभी बुरा है वक्त !”
वक्त-वक्त की बात है, वक्त-वक्त की चाल ।
वक्त ही देता घात है, वक्त ही बनता ढाल ॥
समय-चक्र में रिवर्स गियर नहीं होता है.
लीला बहन , वक्त के बारें अनमोल बचन अछे लगे .हर सांस वक्त ही तो है ,दुसरे सांस का वक्त मिलेगा या नहीं,कौन जान सकता है .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
नमस्ते एवं धन्यवाद बहिन जी इस सुंदर रचना के लिए। एक बात याद आ गई। यह बात पौराणिक विद्वान स्वामी रामसुख दास जी की कही हुई है। वह कहते थे कि समय सबसे कीमती चीज है। समय लगा कर धन कमाया जा सकता है परन्तु धन से समय नहीं खरीदा जा सकता। उदाहरण के रूप में वह कहते थे कि एक व्यक्ति ने सारी जिंदगी धन ही धन कमाया और अन्य सभी बातों की उपेक्षा की। मृत्यु आने पर वह व्यक्ति यमराज को अपना सारा धन देकर भी कुछ मिनट वा घंटे नहीं खरीद सकता। इसलिए समय सबसे कीमती है। इसे ईश्वर के सत्यस्वरूप की उपासना में अधिकाधिक लगाना चाहिए।
प्रिय मनमोहन भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
सार्थक लेखन सखी ….. बिलकुल सही सही बात
प्रिय सखी विभा जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.