आई योग दिवस की वेला
आई योग दिवस की वेला, क्यों न लगाएं आसन मेला
क्यों न लगाएं आसन मेला, आया समय बड़ा अलबेला-आई योग दिवस——
1.रोग निवारण करने वाला योग ही हैSSS
जीवन सबल बनाने वाला योग ही हैSSS
आया समय बड़ा अलबेला, क्यों न लगाएं आसन मेला-आई योग दिवस—-
2.चक्रासन से पेट-पीठ को स्वस्थ करेंSSS
ताड़ासन से पैरों को मज़बूत करेंSSS
आया समय बड़ा अलबेला, क्यों न लगाएं आसन मेला-आई योग दिवस—-
3.पवनमुक्तासन गैस से मुक्ति दिलाता हैSSS
मयूरासन कफ़-मुक्ति सुमन खिलाता हैSSS
आया समय बड़ा अलबेला, क्यों न लगाएं आसन मेला-आई योग दिवस—-
4.हलासन से बवासीर और शुगर हटेंSSS
वक्रासन से मेरुदंड को स्वस्थ करेंSSS
आया समय बड़ा अलबेला, क्यों न लगाएं आसन मेला-आई योग दिवस की—-
5.योग करोगे मौज हमेशा बनी रहेSSS
कितने सुंदर कितने स्वस्थ हो दुनिया कहेSSS
आया समय बड़ा अलबेला, क्यों न लगाएं आसन मेला-आई योग दिवस—-
6.हर आसन की महिमा बहुत ही है न्यारीSS,
इनसे सजाएं तन-मन की हम फुलवारीSS
आया समय बड़ा अलबेला, क्यों न लगाएं आसन मेला-आई योग दिवस—-
7.रोग निवारण करने वाले उपकारीSS
तन-मन सबल बनाते हैं ये हितकारीSS
आया समय बड़ा अलबेला, क्यों न लगाएं आसन मेला-आई योग दिवस—-
बहुत अच्छा गीत, बहिन जी !
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको गीत बहुत अच्छा लगा.
लीला बहन , योग दिवस पर लिखा यह गीत अत्ति उतम है .योग का मुकाबला दुनीआं की कोई ऐक्सर्साइज़ नहीं कर सकती ,कम्ज्क्म मुझे तो बहुत फायदा हुआ है .
लीला बहन , योग दिवस पर लिखा यह गीत अत्ति उतम है .योग का मुकाबला दुनीआं की कोई ऐक्सर्साइज़ नहीं कर सकती ,कम्ज्क्म मुझे तो बहुत फायदा हुआ है .
प्रिय गुरमैल भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है.
”योग करे निरोग, फिर काहे को विरोध,
रहना हो अगर निरोग, रोज़ करें सब योग.”
अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.