इच्छाशक्ति कल्पवृक्ष के समान
दिनेश एक प्रतिभाशाली छात्र था. प्रतिभा के साथ-साथ सबके साथ सद्व्यवहार करना, सबको सम्मान देना उसकी खासियत थी. सबकी मदद करने को वह हमेशा तैयार रहता था. बात तब की है, जब वह 11वीं कक्षा में पढ़ता था. एक दुर्घटना में उस की टांग में फ्रैक्चर हो गया, जिसके कारण वह तीन सप्ताह तक स्कूल नहीं जा पाया. अपनी कक्षा में सबके साथ उसका व्यवहार अच्छा था, इसलिए उसकी कक्षा का एक बच्चा हर कालांश में कॉर्बन पेपर रखकर उसके लिए भी नोट्स बनाकर उसे घर में दे जाता था. आज भी दिनेश को न तो वह दुर्घटना भूलती है, न उस मित्र का वह उपकार, जिसके कारण वह पलंग पर बैठा हुआ भी अपने को कक्षा में बैठा हुआ महसूस करता था और गृह कार्य भी नियम से कर लेता था. यह भी समय की बलिहारी है, आड़े वक्त में इसी तरह अपने-पराए की पहचान होती है. नतीजा यह रहा, कि दिनेश परीक्षा में अव्वल आया. इस तरह से दिनेश ने यह भी सिद्ध कर दिया-
”इच्छाशक्ति कल्पवृक्ष के समान है,
जो आपको हर वह चीज़ दे सकती है,
जिसकी आप कल्पना करते हैं.”
इच्छा शक्ति एक बलवान हथिआर है .
प्रिय गुरमैल भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
a friend in need ,is a friend indeed .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
सार्थक प्रेरक लेखन सखी
सुप्रभात _/_
प्रिय सखी विभा जी, सुप्रभात, अति सुंदर टिप्पणी के लिए आभार.
प्रिय सखी विभा जी, सुप्रभात, अति सुंदर टिप्पणी के लिए आभार.
सार्थक प्रेरक लेखन सखी
सुप्रभात _/_