विष्णु पद छन्द : चांद रातें
जगमग जगमग चमक रही हैं ,
चाँद संग राते ।
कुछ सपने लेकर आयी हैं,
लायी सौगाते ।
बडे सजीले थे वो सपने,
तुमने दिखलाए ।
याद उन्हे अब कर रही हू,
दिल को बहकाए ।
तेरे लिए ये गीत लिखे हैं ,
तुमको ही गाऊ ।
बस तुमको ही भजता मन ,
तुमको ही पाऊ ।
इस दिल की हर धडकन प्रिय,
तेरे वास्ते है ।
राह मेरी हो तुम ही अब तो,
तुमसे रास्ते है ।
अनुपमा दीक्षित मयंक