तन पर रमा भस्म, गले नाग हार डाले, जटा बीच गंगा धर, सृष्टी रखवारे हैं । भूत प्रेत नर नारी, तुम्हें ही सेवते सारे महाकाल त्रिपुरारी, नाम ये तुम्हारे है। जप कर नाम तेरा, खुशियों का हो बसेरा, कण कण धरती का, तेरे ही सहारे है। मृगछाला अंग सोहे, चेहरे का तेज मोहे सती वाम […]
Author: अनुपमा दीक्षित भारद्वाज
ग़ज़ल
हम तेरी राह के फूल बन न सके तेरी राहो के काँटों को चुन न सके तेरे दिल में जगह अब मिले न मिले घाव हमने दिए जो वो सिले न सके तेरी आखों का आंसू बनेंगे न हम तेरे होठो की मुस्कान भी बन न सके । तेरी यादों में रास्ते निहारा करें इस […]
बाल कविता
मेरा सोना बच्चा सोएगा । मीठे सपनों में खोएगा । जहाँ लड्डू बर्फी भरे पड़े। चॉकलेट के पेड़ हैं बड़े बड़े । जहाँ दूध की नदियाँ बहती हैं , और बहुत सी परियाँ रहतीं हैं । हैं बादल कॉटन कैंडी जैसे , इन्हें खाए बगैर रहूँ कैसे । गुड्डे ,गुड़िया और टेडी बियर , मुझको […]
गीत
जैसे कान्हा भूल न पाये राधा की उन यादों को। प्रियतम याद हमेशा रखना प्रेम राह के वादों को! मेरा हाल हुआ राधा सा लेकिन तुम कान्हा ठहरे। मेरे हर इक अश्क से प्रियतम घाव मिले तुमको घहरे। आकर गले लगा लो मुझको, दूर करो अवसादों को। प्रियतम याद हमेशा रखना प्रेम राह के वादों […]
ग़ज़ल – मोहब्बत
फूल सी ज़िन्दगानी हुई, जब मोहब्बत सुहानी हुई। जिन्दगी ठहरी ठहरी सि थी आप आए रवानी हुई । आइना नाज़ करने लगा आपकी मेहरबानी हुई। हम सनम के लिए मिट गए ये खबर क्या पुरानी हुई?? अश्क अब बह रहे रात दिन इश्क की ये निशानी हुई । बेवफ़ाई का आलम है ये। हम मिले […]
कहानी : साहिबा
साहिबा जैसा कि नाम से ही लग रहा है सबके दिल में रहने वाली हमेशा हसने वाली और दूसरो के साथ खुद को खुश रखने वाली । जो भी चाहती उसे मिल जाता परिवार में भी सबसे छोटी होने के वजह खूब चलती ।लेकिन धीरे धीरे सब बदलने लगा और खुशियां रुठने लगीं । पहले […]
गीत : मेरी कहानी
वही बसा है दिल में मेरे, उससे बनी कहानी है। दिल की वो धड़कन है मेरी साँसें भी बेगानी है।। बदल रहा है जाने क्यों वो, सौतन पर दिल आया है । जाने क्या क्या बोल बोलकर, प्रियतम को भरमाया है । सुने नहीं वो बात किसी की,जादू कैसा डाला है । जीवन हुआ आज कुछ […]
श्री राम वन गमन
ताटंक छंद- वन को जाते बन सन्यासी, राम लखन अरु माँ सीता । तीनों के बिन देखो कैसा, अवध लगे रीता रीता । मात सुमित्रा अरु कौशल्या, नैना नीर बहाती हैं । सुख सब अपने साथ ले गए, खुशियाँ नहीं सुहाती हैं । दोनों भाई चलते आगे, अरु पीछे माता सीता । तीनों के बिन […]
जनक नन्दिनी
जनक नन्दीनी समझ न पायी, भाग्य लिखा जो लेख था । जीवन मे वनवास लिखा था, ये ह्रदय चाहे नेक था । पहले सीता के दामन पर, रावण ने दाग लगाया था । अग्नि परीक्षा देकर उसने, खुद को पाक बताया था । लौट अयोध्या सोचा उसने, सुख की बैरा आयी है । जीवन का […]
भइया
मुझ से जब गलती होती थी, भइया आगे होता था । भरा किताबों वाला बस्ता, भइया मेरा ढोता था । बीते वर्ष महीने कितने, याद सभी पल आते हैं । पंख लगाकर बचपन वाले, सपने सब उड जाते हैं । जब आखों में आते आसू, अपना धीरज खोता था । भरा किताबों वाला बस्ता मेरा […]