कविता

भइया

मुझ से जब गलती होती थी, भइया आगे होता था ।
भरा किताबों वाला बस्ता, भइया मेरा ढोता था ।
बीते वर्ष महीने कितने, याद सभी पल आते हैं ।
पंख लगाकर बचपन वाले, सपने सब उड जाते हैं ।
जब आखों में आते आसू, अपना धीरज खोता था ।
भरा किताबों वाला बस्ता मेरा भइया ढोता था ।

सोचा करती थी बचपन में, तुमको छोड़ न पाऊंगी ।
हाथ थामकर तेरा भइया, हर मुश्किल सह जाऊंगी ।
नहीं पता था मुझको तुम ही, खुद से दूर पठाओगे ।
मुझे बिठाकर डोली में खुद ही कंधा दे आओगे ।
देकर मुझको सारी खुशियां चैन से फिर वो सोता था ।
भरा किताबों वाला बस्ता भइया मेरा ढोता था ।

जारी है ……………

अनुपमा दीक्षित मयंक

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com