एक और ध्रुव तारा
बचपन में एक बालक ध्रुव की कहानी सुनी थी. ध्रुव राजा उत्थानपाद के पुत्र थे, लेकिन उनको अपने पिता की गोद में बैठने का सौभाग्य नहीं मिल पाया. राजा ध्रुव की विमाता के मोहपाश में बंधे होने के कारण ध्रुव को गोद में नहीं बिठा पाते थे. ध्रुव की माता सुनीति ने ध्रुव को अच्छी नीति सिखाई और भगवान की गोद में बैठने का प्रयत्न करने की सीख दी. अपनी अटूट तपस्या से भगवान की प्राप्ति कर ली. भगवान ने समझा-बुझाकर पिता के पास वापिस भेजा और ध्रुव ने बहुत सालों तक राज किया. बाद में भगवान ने उन्हें अपने पास बुला लिया और ध्रुव को एक ऐसा तारा बनाया, जिसके चारों तरफ विश्व के सभी तारे घूमते हैं. उस तारे का नाम ध्रुव तारा है.
जूनियर स्टेट ताइक्वांडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर एक और ध्रुव तारा चमका है. यह अद्भुत कारनामा कर दिखाया है, लखनऊ के 14 साल के बालक ध्रुव ने, जिनकी दिनचर्या है-
”सुबह किताबों से दोस्ती,
शाम को खेल के मैदान से यारी,
रात भर चाय की दुकान पर काम,
फिर भी सपने पूरे किए तमाम”
नवीं क्लास में पढ़ने वाला ध्रुव, हर रोज रात दस से सुबह पांच बजे तक पिता की चाय की दुकान पर ग्राहकों को चाय देने और ग्लास धोने का काम करता है. ग्राहक कम होते हैं, तो पिता को आराम करने को कहकर खुद गल्ले की भी जिम्मेदारी संभाल लेता है. इसके बाद सुबह 7.30 से दोपहर 1.30 बजे तक स्कूल में पढ़ाई करता है. फिर शाम को ताइक्वांडो की ट्रेनिंग करने जाता है.
ध्रुव ने साबित कर दिया है कि मजबूत इरादे और कड़ी मेहनत के दम पर कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है. हुनर गरीबी-अमीरी, जाति-पांति, पावर कुछ नहीं देखता. ध्रुव, उनके पिता ओम प्रकाश और कोच विधू यादव को हमारी ढेरों शुभकामनाएं.
नमस्ते एवं हार्दिक धन्यवाद आदरणीय बहिन जी। कथा प्रेरणादायक है। यह ध्यान देना आवश्यक है कि ध्रुव तारे की कथा अविश्वसनीय एवं सृष्टि क्रम के विरुद्ध होने के कारण काल्पनिक है। सादर।
प्रिय मनमोहन भाई जी, काल्पनिक भले ही हो, पर सुसंस्कारों के लिए नायाब होने के कारण स्वीकार्य है. हम काल्पनिक कथाओं से भी सीख सकते हैं. अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
प्रिय मनमोहन भाई जी, काल्पनिक भले ही हो, पर सुसंस्कारों के लिए नायाब होने के कारण स्वीकार्य है. हम काल्पनिक कथाओं से भी सीख सकते हैं. अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
मेरी भी अक्षय शुभकामनायें
प्रिय सखी विभा जी, अत्यंत भावभीनी प्रतिक्रिया के लिए शुक्रिया.
ध्रुव और उस के पिता जी को मेरी भी शुभकामनाएं .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अत्यंत भावभीनी प्रतिक्रिया के लिए आभार.