कविता

जरूर आओगे

मत रूठा करो मुझसे
ये सोचके की बहुत लड़ता हूँ तुमसे
अरे ये क्यों नही सोचते
मैं तो लड़ता ही इसीलिए हूँ
क्योंकि मुझे तुमपे ही तो यकीन है
कि मुझे मनाने जरूर आओगे
वर्ना दिल्लगी करने को तो दुनिया बहुत है
पर मुझे यकीन है
जब जब देखोगे मेरे आंसू
तो मुझे हसाने भी जरूर आओगे

मत रूठा करो मुझसे
ये सोच कर कि
बहुत खार खाता हूँ तुमसे
हद से भी पार जाता हूँ तुमसे
अरे ये क्यों नही सोचते
कि मुझे तुमसे ही उम्मीद है
कि जब जब रूठूंगा
प्यार जताने जरूर आओगे
मेरी आंसू पोंछ कर
गालों को सहलाने जरूर आओगे
यार एक तुम्ही तो हो
जिसपे मुझे ये भी यकीन है
कि मेरे मरने से पहले
अपनी सूरत दिखलाने
जरूर आओगे.. जरूर आओगे..जरूर आओगे

महेश कुमार माटा

नाम: महेश कुमार माटा निवास : RZ 48 SOUTH EXT PART 3, UTTAM NAGAR WEST, NEW DELHI 110059 कार्यालय:- Delhi District Court, Posted as "Judicial Assistant". मोबाइल: 09711782028 इ मेल :- [email protected]