गीत/नवगीत

दादरा गीत : बरसि जा रे बदरा

बरसि जा रे बदरा मोर अँगनईयाँ
मचल जा रे भौंरा मोर अमरइयाँ

आके बरस मोर अंगना रे बदरा
चंपा चमेली सजा मोर गजरा
छलका जा रे तू मोरी सेजरिया
भिगा मोर अंचरा पिया की डगरिया, बरसि जा रे बदरा मोर…….

आज पिया मोरा अइहें माहलिया
मन भर नाचूंगी साथ सहेलिया
सजा जाउंगी रे सोलहो श्रृंगार
मदन छलका जा रे मोरी बखरिया, बरसि जा रे बदरा मोर……

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ

2 thoughts on “दादरा गीत : बरसि जा रे बदरा

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा गीत !

    • महातम मिश्र

      सादर धन्यवाद आदरणीय विजय जी

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