मन
अजब सी हलचल है
ये मन भी चंचल है
घर बैठे ही कर लेता
पूरी दूनियॉ की सैर है
ना माने मेरी बात
देता सबको मात
क्या करे क्या ना करे
यही सोच सोच कर
कर देता सबको तबाह है|
निवेदिता चतुर्वेदी
अजब सी हलचल है
ये मन भी चंचल है
घर बैठे ही कर लेता
पूरी दूनियॉ की सैर है
ना माने मेरी बात
देता सबको मात
क्या करे क्या ना करे
यही सोच सोच कर
कर देता सबको तबाह है|
निवेदिता चतुर्वेदी
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बढ़िया !