गीत/नवगीत

दोहा गीत : जाग सके तो जाग

हो जायेगा बेसुरा ,तेरा जीवन राग|
मनुज अभी भी वक़्त है ,जाग सके तो जाग||

धरा गगन जल थल पवन ,विटप नदी उद्द्यान|
श्वास श्वास भरते यही ,जन जीवन में प्रान||

कुदरत से मिलता तुझे ,जीवन मधुर पराग|
मनुज अभी भी वक़्त है ,जाग सके तो जाग||

नदी जलाशय पी रहे ,नित दिन दूषित द्रव्य|
धन लोलुपता ने सभी, भुला दिए कर्तव्य||

घूँट घूँट पीकर जहर ,सूखे गुलशन बाग़|
मनुज अभी भी वक़्त है ,जाग सके तो जाग||

श्वास प्रदूषण से घुटे,हरियाली बदहाल|
काट काट जंगल हरे,बुला लिया खुद काल||

कहीं उजाड़े बाढ़ ने ,लील गई या आग|
मनुज अभी भी वक़्त है ,जाग सके तो जाग||

संरक्षण करते सजग , रहना सुजन प्रबुद्ध|
पवन प्रकृति पर्यावरण, रखना शुद्ध विशुद्ध||

लगने मत देना कभी, कुदरत में तू दाग़|
मनुज अभी भी वक़्त है ,जाग सके तो जाग||

राजेश कुमारी ‘राज’

राजेश कुमारी

राजेश कुमारी जन्मतिथि १० जून १९५६ जन्म स्थान मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश शिक्षा --------स्नातक (अंग्रेजी साहित्य ,संस्कृत ,राजनीति शास्त्र) स्नाकोत्तर (संस्कृत ) मेरठ विश्वविद्यालय से हुई है | कार्य अनुभव ----कुछ वर्ष -शिक्षण अनुभव(नेवल पब्लिक स्कूल विशाखापत्तनम ) वर्तमान में... ओपन बुक ओन लाइन साहित्यिक वेब साईट की कार्यकारिणी एवं सः संयोजक -कवितायेँ ,लेख ,कहानियां लिखना ,किताबें पढना , संगीत सुनना ,पेंटिंग ,चित्रकारी ,छायाचित्रकारी,ड्राइविंग आदि राजेश कुमारी के शौंक हैं ---बेडमिन्टन ,टेबिल टेनिस ,तैराकी आदि पसंदीदा खेल खाली वक़्त में खेलना पसंद करती हैं| सम्प्रति ----- प्रथम प्रकाशित पुस्तक ----(कविता संग्रह )ह्रदय के उद्दगार है दूसरी पुस्तक ---काव्य कलश तीसरी पुस्तक –ग़ज़ल संग्रह –साहिल पर सीपियाँ , 4-डाली गुलाब पहने हुए ग़ज़ल संग्रह , 5-गुल्लक लघुकथा संग्रह कुछ साझा काव्य संग्रहों जैसे ह्रदय तारों का स्पंदन , खामोश ख़ामोशी और हम , कवितालोक ,गीतिका लोक प्रेमाभिव्यक्ति , जीवन बुनते हुए , स्वर्ण आभा (राजस्थान )में इनकी कुछ कवितायेँ प्रकाशित हुई| यांत्रिकी देहरादून ,क्वावा शी सेज देहली ,हमारा घर,में तथा विभिन्न पत्रिकाओं में कवितायेँ प्रकाशित -- सम्मान –लखनऊ तस्लीम परिकल्पना सम्मान, ओपन बुक ऑनलाइन साहित्य रत्न हल्द्वानी सम्मान,कवितालोक रत्न हिसार सम्मान,जश्ने ग़ज़ल इलाहबाद सम्मान,साहित्य रत्न भोपाल सम्मान| राजेश कुमारी E1/1 CQA(I) ESTATE LADPUR DEHRADUN ,248008 E [email protected]

6 thoughts on “दोहा गीत : जाग सके तो जाग

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी राजेश जी, अत्यंत सुंदर दोहा-गीत के लिए शुक्रिया.

    • राजेश कुमारी

      सादर आभार आदरणीया, जयविजय साईट पर नई हूँ धीरे धीरे इसके नियम सीख रही हूँ प्रतिउत्तर में देर हुई इसका खेद है |आगे भी आपका स्नेह मिलता रहेगा मंगल कामनाएँ

    • राजेश कुमारी

      बहुत बहुत आभार आदरणीया लीला तिवानी जी .

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा गीत !

    • राजेश कुमारी

      सादर आभार आदरणीय .

    • राजेश कुमारी

      सादर आभार .

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