ग़ज़ल : याद दे कर न तू गया होता
काश तुमसे न मैं मिला होता,
दर्द दिल में न फिर पला होता।
रौनकों की कमी न दुनिया में,
एक टुकड़ा हमें मिला होता।
आसमां में हज़ार तारे हैं,
एक तारा मुझे मिला होता।
तू न मेरे नसीब में गर था,
इस जहाँ में न तू मिला होता।
ज़िंदगी कट रही बिना तेरे,
याद दे कर न तू गया होता।
नींद से टूटता नहीं नाता,
खाब तेरा न गर पला होता।
— कैलाश शर्मा