हास्य व्यंग्य : स्वर्ग में सत्ता परिवर्तन
अभी-अभी विश्वस्त सूत्रों से पता चला है, यमराज को अपदस्थ के चक्कर मे देव राज इंद्र को बड़े दुख के साथ सत्तासुंदरी का परित्याग करना पड़ा, यमराज द्वारा तख्त का बलात अधिग्रहण कर लिया गया है, हमारे पड़ोसी देश की तरह लोकतंत्र से आँख मिचोली करती हुई तानाशाही व्यवस्था अपने चरमोत्कर्ष पर है, राजतंत्र पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुका है, खबर लिखे जाने तक यमराज के पास दोनो पद सुरक्षित है======
बढ़ती जनसंख्या देखकर,
यमराज हुए हैं घायल
दिन अरु रात सुनाई देती,
झुन-झुन बजत हैं पायल
उपर देखें, नीचे देखें
,देखें अगल-बगल —–
गली-गली चौबारा देखें
देखें सगर डगर
झुन-झुन पायल बोले,
घायल करके जाय
एक यमराज दिवाना देखा,
पायल बस कर जाय
भूल गये सब काम,
आज मधुबाला चक्कर
काम पाश में यम को बाधे,
-हँसत मदन हर नुक्कड़
आपातकालीन मीटिंग बुलाए,
यम पर हुई है चर्चा,
यमराज नहीं है काम के काबिल,
भरो चुनावी पर्चा
उसी समय यमराज भी आया,
काल पाश संग ले आया
किसमे इतनी हिम्मत है,
जो यम लेगा टक्कर
महाकाल की कृपा दृष्टि है,
मै कालो का महा काल हूँ
सावधान हो जाओ रे सठ
मै यमपुरी का इंद्र हूँ
धीरे-धीरे उठ गये,
सभा के सभी सदस्य
लग रहा है इंद्र भी,
होगा अपदस्थ
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’