अपना कर्त्तव्य निभाएं
सिर्फ़ हम ही नहीं
आप भी
और
सभी चाहते कर्त्तव्य निभाना
फिर भी हर कोई पूछे
कर्त्तव्य की परिभाषा.
किसी निराश को आशा बंधाना
कर्त्तव्य है हमारा सबसे पहला
क्योंकि
हताशा करवा देती है
कभी-कभी हत्या या आत्महत्या भी
इसलिए सबसे पहले दूर करना
किसी हताश की हताशा
यही है प्यारे, कर्त्तव्य की
सीधी-सरल परिभाषा.
कर्त्तव्य में समाहित है
सरलता
सजगता
सकारात्मकता
सहायता
विनम्रता
किसी गिरे हुए को उठाना
रोते हुए को हंसाना
किसी काम को छोटा न समझकर बेहिचक करना
छोटी-छोटी चीज़ों का सदुपयोग करना
अन्न का आदर करना
भूखों को रोटी उपलब्ध करवाने का साधन बनना
ज़रूरतमंदों को वस्त्र उपलब्ध करवाना
पर्यावरण की सुरक्षा हेतु सजग रहना
स्वेच्छा से अनुशासन का पालन करना
विवादित संभाषण से बचना
आतंकवाद को बढ़ावा न देना
किसी मजबूर में
जीने की जिजीविषा को जगाना
सबको बराबर समझना
देश के सम्मान की यथाशक्ति सहेज करना
और हां,
हमारे कर्त्तव्य ही सुरक्षित रख सकते हैं
औरों के अधिकारों को
ठीक उसी तरह औरों के कर्त्तव्य से ही सुरक्षित हैं
हमारे अपने अधिकार भी
इसलिए अपने और देश के सम्मान को
बचाने की ललक जगाएं
आइए,
अपना कर्त्तव्य निभाएं.
कर्तव्य पर बहुत सूंदर काव्यमय विचार। हार्दिक बधाई। मेरे निजी मत में सत्य को जानना और दूसरों को जनाना तथा असत्य को स्वयं जानना और उसे स्वयं छोड़ना और उसको दूसरों से भी छुड़वाना मननशील मनुष्य का कर्तव्य है। सादर।
प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर, सार्थक, मार्गदर्शक व अनमोल प्रतिक्रिया के लिए आभार.
लीला बहन , कविता बहुत अछि लगी ,एक एक लाइन अनमोल बचन है . सभी इन अनमोल बचनों को फालो करें तो स्वर्ग इसी धरती पर है .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.